इंटरनेट अर्थव्यवस्था और समात का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा : वैष्णव
नयी दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इंटरनेट अर्थव्यवस्था और समाज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और शासन के अपने मानदंडों को परिभाषित करना महत्वपूर्ण है और देश के सबसे दूर दराज़ के हिस्से में हाशिए पर रहने वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल भेदभाव को समाप्त करना होगा।
श्री वैष्णव ने आज इंटरनेट गवर्नेंस पर 3 दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम 2021 (आईआईजीएफ-2021) का उद्घाटन किया। इसका आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनआईएक्सआई) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। यह कार्यक्रम इंटरनेट की शक्ति के माध्यम से भारत को सशक्त बनाना विषय पर केंद्रित है, जो डिजिटलीकरण की कार्य योजना पर चर्चा करने और भारत के विश्व स्तर पर एक आवश्यक भागीदार के रूप में पुष्टि करने के लिए इंटरनेट शासन प्रणाली के हितधारकों को एक साथ ला रहा है। यह कार्यक्रम, इंटरनेट शासन प्रणाली पर अंतर्राष्ट्रीय नीति विकास में डिजिटलीकरण की भूमिका और महत्व को भी उजागर करने जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (एमईआईटीवाई) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, एमईआईटीवाई सचिव अजय प्रकाश साहनी, नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनआईएक्सआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. निर्मिता नरसिम्हन भी इस मौके पर उपस्थित थे।
वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन साझा की गई सामग्री का स्वामित्व तय करना भी महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से सोशल मीडिया पर ऑनलाइन साझा की जाने वाली चीजों पर विश्वास करने के लिए युवा मस्तिष्क आसानी से ललचाता है और जिम्मेदारियों को तय करने की आवश्यकता होती है। ऑनलाइन व्यवधान के सामाजिक प्रभाव को देखना भी महत्वपूर्ण है। आज, ई-कॉमर्स ने छोटे व्यवसायों को बाधित कर दिया है और इसका सामाजिक प्रभाव पड़ा है। हमें छोटे लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए काम करना होगा। साइबर सुरक्षा पर अधिकतम ध्यान देने की आवश्यकता है। पूरे सिस्टम को फिरौती के लिए बंधक बनाया जा सकता है। क्या हम साइबर सुरक्षा के लिए एक मजबूत प्रणाली विकसित कर सकते हैं।
श्री चंद्रशेखर ने कहा, सबसे बड़े संपर्क वाले देशों में से एक भारत पहले आईआईजीएफ की मेजबानी कर रहा है और इसका आयोजन लंबे समय से अटका हुआ था। सरकार इंटरनेट को सर्व सुलभ, सुरक्षित और भरोसेमंद तथा सभी के लिए जवाबदेह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सरकार के साथ-साथ बड़े व्यवसायों दोनों के प्रभाव से भी मुक्त रहना चाहिए और यह नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए विश्वास का एक विषय है। हमारे पास जल्द ही एक अरब भारतीय होंगे जिनमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और अन्य लोग ऑनलाइन जुड़े होंगे और सरकारी सेवाओं, सब्सिडी आदि का लाभ उठा रहे होंगे। आईआईजीएफ का भविष्य सरकारी निकायों के साथ काम करना और यह सुनिश्चित करना है कि इंटरनेट पर भविष्य के न्यायशास्त्र को सबसे महत्वपूर्ण हितधारकों के रूप में उपयोगकर्ताओं को एक मंच पर लाकर विकसित किया जाए। वैश्विक इंटरनेट का भविष्य भारत के इंटरनेट इकोसिस्टम और नवाचार क्षमता के नेतृत्व में होना चाहिए।
इंटरनेट नेटवर्क पर 100 प्रतिशत आबादी को लाने के लिए भारत में डिजिटल अभियान पूरे जोरों पर है और यह आयोजन भारत में डिजिटलीकरण कार्य योजना, अवसरों, संभावनाओं और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। एक सर्व सुलभ और समावेशी प्रक्रिया के माध्यम से, आईआईजीएफ सरकार, उद्योग, नागरिक समाज, शिक्षाविदों सहित वैश्विक इंटरनेट शासन प्रणाली के इकोसिस्टम में बड़े इंटरनेट शासन प्रणाली संवाद के समान प्रतिभागियों के रूप में सभी हितधारकों को एक साथ ला रहा है।