उत्तराखंड

स्वर्गाश्रम ट्रस्ट ने पावन गंगा नदी के किनारे मनाया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का जश्न

ऋषिकेश। स्वर्गाश्रम ट्रस्ट ने 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में पावन गंगा नदी के किनारे विशेष समारोह का आयोजन किया। इस वर्ष की थीम ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ तथा प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुसार पूरी दुनिया को योग के माध्यम से स्वस्थ बनाने के मद्देनज़र आयोजित इस समारोह में येमकेश्वर के एसडीएम श्अनिल कुमार चनलियाल ने भी शिरकत की। सुर्याेदय के समय तकरीबन 350 लोगों ने पूरे उत्साह के साथ पारम्परिक योग आसनों में हिस्सा लिया, इनमें स्वर्गाश्रम ट्रस्ट के संस्कृत विद्यालय और बाल विद्या निकेतन से 100 छात्र शामिल थे। इस अवसर पर औषधीय गुणों वाले 100 पौधे भी लगाए गए।
इस वर्ष के समारोह के लिए चुने गए आयोजन स्थल की विशेष आध्यात्मिक मान्यता है, क्योंकि यह स्थल भगवान राम की प्राचीन कथा से जुड़ा है। माना जाता है कि रावण को हराने के बाद भगवान राम ने प्रायश्चित के लिए इसी स्थान को चुना था। हालांकि बहती गंगा नदी की आवाज़ों के बीच उनकी एकाग्रता में बाधा आ रही थी। तभी उनके आह्वान पर देवी ने इस स्थान को दिव्य शांति का आशीर्वाद दिया, जबकि ऊपर और नीचे की ओर नदी की आवाज़ें स्पष्ट रूप से सुनाई देती हैं। इसी पावन स्थल पर सुर्याेदय के साथ योग सत्र की शुरूआत हुई, जिसमें प्रतिभागियों को प्राणायाम करने का अवसर भी मिला। सत्र के बाद संस्कृति श्लोकों, संकल्प एवं शांति पाठ का आयोजन किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप पूरी दुनिया को योग के माध्यम से स्वस्थ बनाने की सोच के साथ इस समारोह का आयोजन किया गया, जैसा कि उन्होंने मन की बात में भी कहा था। ‘योग’ शब्द संस्कृत के शब्द ‘युज’ से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है ‘एकजुट होना’- योग मन एवं शरीर, व्यक्ति एवं समाज तथा मानवता एवं प्राकृतिक दुनिया की एकजुटता का प्रतीक है।

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