उत्तराखंड

वसंतोत्सव में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जायः राज्यपाल

देहरादून। राजभवन देहरादून में हर वर्ष आयोजित होने वाला वसंतोत्सव इस वर्ष दिनांक 01 से 03 मार्च को आयोजित किया जाएगा। मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि वसंतोत्सव को पूरे उमंग और उत्साह के साथ एक उत्सव के रूप में आयोजित किया जाय जिसमें अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि यह आयोजन राजकीय न रहकर इसमें प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा दिया जाय और आम जनमानस इस आयोजन से जुड़े। राज्यपाल ने इस आयोजन का समुचित प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वसंतोत्सव के आयोजन को लोकल से ग्लोबल तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएं।
राज्यपाल ने कहा कि वसंतोत्सव के माध्यम से उत्तराखण्ड में फ्लोरीकल्चर को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि पुष्प प्रदर्शनी को व्यवासायिक गतिविधियों से जोड़ा जाना आवश्यक है। यहां के पुष्पों की प्रदेश में ही नही अपितु देशभर में मार्केटिंग की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि यह आयोजन राज्य के दूर-दराज के पुष्पोत्पादन, जड़ी-बूटी, सगन्ध पौधों तथा अन्य जैविक उत्पादों की व्यावसायिक खेती से जुड़े काश्तकारों व उत्पादकों के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित होना चाहिए। राज्यपाल ने निर्देश दिए कि वसंतोत्सव में आईएचएम व जीएमवीएन के साथ ही राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों के सौजन्य से फूड कोर्ट स्थापित किए जाएं जिसमें मुख्य रूप से हमारे पारंपरिक मोटे अनाज ‘‘मिलेट’’ को वरीयता दी जाए। उन्होंने कहा कि वसंतोत्सव के माध्यम से विशेष रूप से शहद उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि पुष्पोत्पादन और कृषि गतिविधियों पर आधारित लगने वाले स्टॉल में महिलाओं की अधिकाधिक भागीदारी हो और उन्हें स्टॉल लगाने हेतु वरीयता दी जाय। बैठक में राज्यपाल ने इस आयोजन से संबंधित समुचित व्यवस्थाएं ससमय पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इस बैठक में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव कृषि एवं उद्यान विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण दीप्ति सिंह, अपर निदेशक डॉ. आर.के.सिंह, वित्त नियंत्रक राज्यपाल डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय सहित पर्यटन, उद्यान, आई.टी.बी.पी, आई.एम.ए, ओ.एन.जी.सी, आई.एच.एम, जी.एम.वी.एन, पर्यटन, भारतीय डाक, वन विभाग, पुलिस, संस्कृति, तथा उद्यान आदि विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

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