रुद्रपुर। उत्तराखंड की गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने आज अपना 36वां दीक्षांत समारोह मनाया। कार्यक्रम में 1172 विद्यार्थियों को उपाधि व दीक्षा दी गई। इसके अलावा सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) अनिल चैहान और प्रगतिशील व पद्मश्री से सम्मानित किसान प्रेम शर्मा को मानद उपाधि से नवाजा गया।
पंतनगर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सीडीएस अनिल चैहान के अलावा उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा और उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद रहे। इस दौरान सीडीएस अनिल चैहान और प्रगतिशील किसान पद्मश्री प्रेम चंद्र शर्मा को विज्ञान वारिधि मानद उपाधि (डॉक्टर ऑफ साइंस) से नवाजा गया। इसके बाद समारोह में 1172 विद्यार्थियों को उपाधि व दीक्षा प्रदान की गई।
इस दौरान कुलपति मनमोहन सिंह चैहान ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को गिनाया। अपने संबोधन में सीडीएस अनिल चैहान ने कहा कि उन्हें इस समारोह का हिस्सा बनने पर बड़ी खुशी हुई है। सीडीएस अनिल चैहान ने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों से कहा कि डिग्री प्राप्त हुई है, लेकिन पढ़ाई समाप्त नहीं हुई, बल्कि यह अनवरत रहेगी।
सीडीएस अनिल चैहान ने कहा कि पंतनगर विवि देश के प्रमुख संस्थानों में से एक है। भारत में हरित क्रांति लाने वाला विश्वविद्यालय है। भविष्य के खतरे को देखते हुए ऐसे बीज तैयार करना होंगे जो कम पानी और वर्तमान वातावरण में बेहतर हो सकें।
सीडीएस अनिल चैहान ने कहा कि देश को 2047 में विकसित राष्ट्र बनना है। सब मिलकर इसे बनाएंगे। इसका लाभ युवा पीढ़ी को मिलेगा। अमृतकाल आ चुका है और 21वीं शताब्दी भारत की होगी। किसी परिवर्तन को लाने के लिए जो सही दिशा और गति चाहिए वो युवा वर्ग ही दे पाएगा। समाज में बदलाव लाने के लिए नई सोच को पैदा करना होगा। इसके लिए पुरानी सोच को हटाना पड़ेगा। नई सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। सीडीएस अनिल चैहान ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश का उदाहरण देते हुए युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कहा कि नई सोच और निर्माण का भरपूर उपयोग करें। तभी देश आगे बढ़ पाएगा। लोग कहते हैं कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है, वो आज भी अपने आप को छात्र ही मानते हैं। सीखने का क्रम हमेशा जारी रहता है।