उत्तराखंड

फायर सीजन पर काबू पाने के लिए वन विभाग ने कसी कमर

देहरादून। मौसम का मिजाज बदलते ही वन विभाग ने फायर सीजन के लिए कमर कस ली है। 15 फरवरी से 15 जून तक वन विभाग द्वारा फायर सीजन के मद्देनजर कुमाऊं मंडल के पांच वन डिवीजन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर लेने का दावा किया गया है। वन संरक्षक पश्चिम वृत्त दीपचंद आर्य ने बताया कि 5 वन डिवीजन अंतर्गत 2,70,000 हेक्टेयर आरक्षित वन क्षेत्र है। जंगलों में आग की घटना को रोकने के लिए 183 क्रू स्टेशन स्थापित किए गए। जिसके जरिए जंगलों की आग पर निगरानी रखी जाएगी, जबकि 782 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। जिससे समय रहते वनाग्नि की घटनाओं को रोका जा सके। वहीं रुद्रप्रयाग में भी वन विभाग ने वनाग्नि रोकने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।
दीपचंद आर्य ने बताया कि जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए आसपास के ग्रामीणों को भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है। साथ ही जंगलों में रहने वाले खत्तों के लोगों से भी संपर्क रखा जाएगा, जिससे समय पर आग की घटना की सूचना मिल सके। इसके अलावा जंगलों में फायर लाइन की सफाई का कार्य भी चल रहा है। जंगल में आग की घटना को रोकने के लिए सभी विभागीय उपकरणों को दुरुस्त करने का भी कार्य चल रहा है। वहीं कर्मचारियों को दावाग्नि से बचाव की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। गौरतलब है कि पिछले साल कुमाऊं मंडल के 5 डिवीजनों में 256.40 हेक्टेयर में वनाग्नि जंगलों पहुंची थी। पहाड़ों के जंगलों में पिछले कई सालों से लगातार आग की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। हर साल गर्मी के सीजन में पहाड़ के जंगल खाक हो रहे हैं। ऐसे में वन विभाग इसको लेकर भी गंभीर है। पहाड़ों पर बिछाई गई फायर लाइन को दुरुस्त कर पहाड़ों पर लगने वाले आग की घटनाओं को भी रोका जाएगा।

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