Wednesday, December 4, 2024
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बहरूपिया वायरस

अब जब कोरोना संक्रमण के नए मामले काफी हद तक काबू में नजर आ रहे थे और देश में तीसरी लहर की आशंका कमजोर पड़ती जा रही थी, अचानक इस वायरस के एक नए वैरिएंट ने फिर खतरे की घंटी बजा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर आगाह किया है। खासकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इस नए वैरिएंट बी.1.1.529 की पहचान पिछले हफ्ते साउथ अफ्रीका में हुई। हालांकि इसके मामले अभी ज्यादा नहीं हैं, प्रभावित इलाके भी सीमित ही हैं। इसके बावजूद अगर इस नए वैरिएंट को इतनी गंभीरता से लिया जा रहा है तो उसकी वजह है इसमें दिखे अप्रत्याशित रूप से ज्यादा म्यूटेशन।

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस वैरिएंट में करीब 50 म्यूटेशन देखे गए हैं, 30 से अधिक तो सिर्फ स्पाइक प्रोटीन में हैं। ध्यान रहे, ज्यादातर वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन को ही निशाना बनाती हैं। इसी के सहारे वायरस मानव शरीर की कोशिकाओं तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करता है। जाहिर है, स्पाइक प्रोटीन में इतने सारे म्यूटेशन से यह सवाल खड़ा हो गया है कि पता नहीं अब तक उपलब्ध तमाम टीके वायरस के इस नए वैरिएंट पर किस हद तक कारगर होंगे, होंगे भी या नहीं। बोत्सवाना में ऐसे लोग भी इससे संक्रमित हुए हैं, जो टीके के सभी आवश्यक डोज ले चुके हैं।
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह संक्रमण हवा के जरिए भी फैल सकता है। हांगकांग में होटल के अलग-अलग कमरों में ठहरे लोगों के स्वैब में इसकी मौजूदगी से लगता है कि इसके फैलने के लिए लोगों का एकदम पास आना या किसी तरह से इसके स्पर्श में आना जरूरी नहीं है। सच है कि इस नए वैरिएंट की नुकसान पहुंचाने की क्षमता और इस पर काबू पाने के तरीकों का पता करने के लिहाज से ये जानकारियां नाकाफी हैं। मगर इसी वजह से सावधानी और ज्यादा जरूरी हो जाती है।

खतरा यह बन गया है कि कहीं जाते-जाते भी लौट आने वाली यह महामारी इस बार अब तक के हमारे सारे प्रयासों पर पानी फेरते हुए तमाम टीकों को बेअसर न साबित कर दे। ध्यान रखना होगा कि पिछले करीब दो साल से इसके साये में रहते हुए लोग आजिज आ चुके हैं। यूरोप के कई शहरों में बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर लगाई गई पाबंदियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं। अपने देश में भी परेशानी भरे लंबे दौर के बाद अब स्थिति सामान्य होने की ओर है। ऐसे में इस आशंका के लिए कोई गुंजाइश नहीं बनने दी जा सकती कि हालात फिर से उतने ही गंभीर हो जाएंगे। इसका एकमात्र तरीका है यह सुनिश्चित करना कि बाहर से आने वाले एक-एक व्यक्ति की बारीकी से जांच करने और सभी आवश्यक कदम उठाने में किसी भी तरह की लापरवाही न हो।

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