देहरादून। गंगा नदी में आयोजित हुई गाइड लाइसेंस परीक्षा में 186 युवाओं ने सफलता प्राप्त की है। जल्द ही इन सफल युवाओं को गाइड लाइसेंस प्रदान किया जाएगा और वह देश-दुनिया में राफ्ट का संचालन कर सकेंगे। 30 मई से 03 जून तक दो चरणों में आयोजित की गई इस परीक्षा के लिए 280 प्रशिक्षु गाइड ने आवेदन किया था। टर्न ओवर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार की दृष्टि से उत्तराखंड में चार धाम यात्रा से जुड़ी पर्यटक व तीर्थाटन गतिविधियों के बाद राफ्टिंग दूसरे स्थान पर है। जबकि उत्तराखंड के गाइडों की पूरे भारत में ही नहीं दुनिया भर में मांग है।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक विंग) कर्नल अश्विनी पुंडीर ने बताया कि राज्य में राफ्टिंग पर्यटन विभाग के अधीन आने वाले यूटीडीबी द्वारा नियामित होती है। यूटीडीबी में राज्य भर की नदियों हेतु कुल 309 फर्में पंजीकृत हैं, जो कुल 633 राफ्टों को संचालित करती हैं। उत्तराखंड में गंगा, काली, टोंस, अलकनंदा, यमुना, कोशी, सरयू, रामगंगा पश्चिमी, रामगंगा पूर्वी व पिंडर नदी में व्यावसायिक राफ्टिंग व वाइल्ड वाटर कयाकिंग की जा सकती है। अकेले गंगा नदी में 262 पंजीकृत फर्में हैं जो 576 राफ्टों को संचालित करती हैं।
राफ्टिंग एसोसिएशन यू.एफ.ओ के श्री राजीव तिवारी ने बताया कि राज्य में राफ्टिंग और उससे जुड़ी गतिविधियों का टर्न ओवर लगभग 200 करोड़ से अधिक है और लगभग 40-45 हजार लोगों को राफ्टिंग इंडस्ट्री से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोज़गार मिलता है। गाइड लाइसेंस मिलने के बाद राफ्टिंग इंडस्ट्री के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानव संसाधन लाइसेंसधारी गाइड मिल जाएगा। राष्ट्रीय एडवेंचर फाउंडेशन के उत्तराखंड चैप्टर के अध्यक्ष मंजुल रावत ने कहा कि किसी संस्था के बजाए यूटीडीबी द्वारा स्वयं विनयामक तथा तकनीकी समिति, आई.टी.बी.पी. व वन विभाग की मदद से गाइड परीक्षा को करवाने का निर्णय उचित है। भविष्य में देश-विदेश के अधिक प्रशिक्षु गाइड इस परीक्षा को देने उत्तराखंड आएंगे।