हर साल करोड़ों खर्च करने के बावजूद शक्ति नहर जगह-जगह पर हो रखी है क्षतिग्रस्त
विकासनगर। हर साल करोड़ों खर्च करने के बावजूद शक्ति नहर जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त हो रखी है। नहर के क्षतिग्रस्त होने से जहां पावर हाउस तक कम पानी पहुंचने का खतरा बना हुआ है, वहीं दूसरी शक्ति नहर किनारे बनी सड़कों के भी धंसने की आशंका पैदा हो गई है। बावजूद इसके जल विद्युत निगम नहर की मरम्मत को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है।
डाकपत्थर से कुल्हाल तक शक्ति नहर पर ढकरानी, ढालीपुर और कुल्हाल तीन पावर हाउस हैं। कुल्हाल से आगे नहर उत्तर प्रदेश के खारा पावर हाउस से होते हुए हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज तक पहुंचती है। डाकपत्थर से कुल्हाल तक नहर के दोनों किनारे जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसे में नहर के किनारों का धंस कर नीचे गिरने का खतरा भी बना हुआ है, जिससे नहर में मलबा जमा हो जाएगा। जिसका असर बिजली उत्पादन पर भी पड़ेगा। मलबा जमा होने से पानी का बहाव कम हो जाएगा, लिहाजा पावर हाउस तक पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पहुंचेगा। इसके साथ ही नहर के दोनों किनारे धंसने से नहर के दोनों ओर की सड़क धंसने की आशंका भी बनी हुई, जिससे भीमावाला, ढकरानी, ढालीपुर, कुंजा, कुल्हाल के ग्रामीणों की आवाजाही प्रभावित होगी। स्थानीय ग्रामीण दिलशाद, फरहान, मोहसीन, आलिम, शब्बीर ने बताया कि जल विद्युत निगम शक्ति नहर की मरम्मत के नाम पर हर साल करोड़ों की राशि खर्च करता है। बावजूद इसके कभी भी नहर की मरम्मत ढंग से नहीं की जाती है। जिससे मरम्मत कार्य समाप्त होने के दो तीन माह बाद नहर के किनारे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।