उत्तराखंड

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद के दो दिवसीय 15वें सम्मेलन का दून में हुआ शुभारंभ

देहरादून। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून के राजपुर रोड स्थित एक होटल में केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद के 15वें सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर में देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि प्रतिभाग कर रहे हैं। इस स्वास्थ्य चितंन शिविर में 06 सत्रों को आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर स्वास्थ्य संबंधित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रो. एस.पी.सिंह बघेल, डॉ. भारती प्रवीण पंवार, उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के पॉल, सचिव स्वास्थ्य, भारत सरकार राजेश भूषण, विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री तथा स्वास्थ्य सचिव उपस्थित थे।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद की यह दूसरी ऐसी बैठक है जिसे चिंतन बैठक का स्वरूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ उपार्जन करने के लिए सामुहिक चिंतन एवं मनन बहुत आवश्यक है। इससे निकलने वाले निष्कर्ष सर्वोत्तम होते हैं। इस दो दिवसीय बैठक में जो मंथन होगा, उससे जो सुझाव मिलेंगे, वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत के भविष्य के लिए बहुत उपयोगी होगा। आजादी के अमृतकाल में इसके लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं कि हमारा हेल्थ सेक्टर का मॉडल पूर्ण रूप से हमारे देश के अनुरूप हो।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य चिंतन शिविर में प्रतिभाग कर रहे सभी अतिथियों का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व एवं सम्मान की बात है कि इस वर्ष केन्द्र सरकार ने उत्तराखंड को स्वास्थ्य चिंतन शिविर कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य चिंतन शिविर के दौरान स्वास्थ्य विभाग की नीतियों व कार्यक्रमों के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए विशिष्ट दृष्टिकोण विकसित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के प्राचीन ग्रंथ दुनिया को एक परिवार के रूप में देखना सिखाते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमारा दृष्टिकोण ’एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ है।

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