देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार के 100 दिवस आयोजित कार्यक्रम 30 जून 22 को उत्तराखण्ड सूचना विभाग के 2 अधिकारियों ने अपनी हठ धर्मिता और अपने अहंकार से राज्य गठन के बाद से स्थापित परंपरा तुड़वा दी।
वही भोजन व्यवस्था का यह आलम था कि जब खुद मुख्यमंत्री चंद्रशेखर जोशी, विजय जायसवाल, आसिफ समेत पत्रकारों को लेकर खाने की टेबल पर पहुँचे तो खाना कम पड़ चुका था, खाना की कमी इस कदर थी कि किसी की प्लेट में पूर्ण खाना नही आया, जबकि सूचना विभाग के 2 अधिकारी अपनी शह और मात की रणनीति मे व्यस्त थे, मुख्यमंत्री जी के सुरक्षा अधिकारी सिर्फ उन्ही को उनके पास जाने दे रहे थे, जिसकी अनुमति सूचना के 2 अधिकारी श्री आशीष त्रिपाठी और कलम सिंह चैहान दे रहे थे, या यह जिस पत्रकार को सलेक्ट करके ले जा रहे थे, इस पर चंद्रशेखर जोशी ने कलम सिंह से आपत्ति जताई तो इन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसा कहा हैं,, ऐसा राज्य गठन के बाद से आज तक नही हुआ, इससे मुख्यमंत्री जी की लोकप्रियता पर असर डालने की कोशिश की गई,, वही आज डॉ0 अनिल चन्दोला अपर निदेशक सूचना विभाग की कमी सब पत्रकारो को बहुत खली, जब मुझे मजबूर होकर मुख्यमंत्री से सूचना विभाग के अधिकारियों जिस में त्रिपाठी और कलम सिंह चैहान की शिकायत आम मीटिंग मे करनी पड़ी, पहली बार इन दोनो अधिकारियों ने परंपरा तोड़ी, मुख्यमंत्री को सुरक्षा मे बैठाकर गिने चुने पत्रकारों को मिलाने का काम करने लगे,और अपनी राजनीति करते हुए एक- एक पत्राकार को अपने अनुरूप से मुख्यमंत्री के सामने ला रहे थे, और मान0 ब्ड सुरक्षा अधिकारियों से कहा कि जिनको हम कहेगे, वही जायेगा, मैने कलम सिंह चैहान से इस पर आपत्ति जताई, तो उन्होंने दुर्व्यवहार कर कहा कि मुख्यमंत्री ने हमसे ऐसा करने को कहा है कि गिने चुने लाओ, इस पर हम सब खामोश होकर मुख्यमंत्री की प्रतिक्षा करने लगे, महोदय, उत्तराखण्ड गठन के बाद से विभिन्न समय पर आयोजित कार्यक्रमों मे कभी भी सूचना के अधिकारी श्री अनिल चन्दोला जी ने पत्रकारों को मुख्य मंत्री से मिलने देने मे कभी दखल नही दिया, राज्य गठन के बाद से अब तक मुख्यमंत्री के पत्रकारों के लिए आयोजित कार्यक्रम मे किसी को भी नही रोका गया, जिससे उनकी लोकप्रियता मे चार चाँद लगते गए, 30 जून 22 को आज मुख्यमंत्री जी के 100 दिन सरकार के कार्यक्रम मे जिस तरह से श्री आशीष त्रिपाठी जी और श्री कलम सिंह चैहान ने मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारियों से आमंत्रित पत्रकारो को रुकवाया, वह बेहद निंदनीय हैं मुख्यमंत्री जी ने इसका सज्ञान लिया, और स्वय पत्रकारों को खाना खाने की टेबल पर ले गए, जबकि टेबल मे खाना खत्म था, मुख्यमंत्री ने इसका भी सज्ञान लिया।