सीएम ने ’सल्ट क्रान्ति’ के शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सल्ट, अल्मोड़ा में ’सल्ट क्रान्ति’ के अवसर पर शहीद दिवस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने खुमाड़, सल्ट में शहीदों की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तहसील परिसर सल्ट से खुमाड़, सल्ट में भव्य शहीद स्मारक बनाए जाने शहीद दिवस पर आयोजित मेले को राजकीय मेला घोषित किए जाने एवं स्वतन्त्रता संग्राम सैनानी शहीद चूडामणि राजकीय इण्टर कालेज खुमाड़ मैदान में इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाए जाने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री श्री धामी ने शक्तिपीठ भीना देवी मन्दिर के सम्पर्क मार्ग के अवशेष भाग का नव निर्माण किए जाने, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय औनेड़ी तराड का नव भवन निर्माण किए जाने, राजकीय पॉलिटेक्निक सल्ट में सिविल ट्रेड की स्वीकृति प्रदान किए जाने, राजकीय आदर्श विद्यालय देवायल, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोटाचामी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय नैकणा व राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेसड़ी का नव भवन निर्माण किए जाने, अल्प विकसित पर्यटक स्थल मल्ला गड़कोट, थल्माड एवं खटलगाँव का सौन्दर्यीकरण किए जाने, सल्ट के अति दुर्गम क्षेत्र भीताकोटखाल, मरचूला एंव तराड़ में ए.एन.एम. सेन्टर की स्वीकृति प्रदान किए जाने, राजकीय इण्टर कालेज नेलवालपाली का नाम स्वतन्त्रता संग्राम सैनानी शहीद अम्बा दत्त जी के नाम किए जाने, तल्ला मानिला मन्दिर स्थित विशेष अतिथि गृह का निर्माण किए जाने, देघाट-चिन्तोली मोटर मार्ग का नाम बदलकर स्वतन्त्रता संग्राम सैनानी शहीद हरिकृष्ण हीरा मणि जी मोटर मार्ग लिए जाने की बात कही।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 5 सितंबर ’सल्ट क्रान्ति’ में शहीदों को भावमीनि श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अंग्रेजों से लोहा लेते समय खुमाड़ क्षेत्र के शहीद हुए स्व० खीमानन्द एवं उनके सगे भाई स्व० गंगाराम सहित स्व० बहादुर सिंह एवं स्व० चूड़ामणि ने क्षेत्र के साथ अपना नाम अमर किया है। उन्होंने कहा सल्ट के इन महान् क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास में उत्तराखण्ड का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित किया है। सल्ट क्रांति-स्वाधीनता आन्दोलन का एक अविस्मरणीय अध्याय रहा है। सल्ट क्षेत्र में आजादी की लड़ाई की शुरुआत कुली बेगार आन्दोलन के तहत ब्रिटिश हुकुमत के दमनकारी फैसलों की प्रतिक्रिया के कारण हुई थी। इस क्षेत्र की जनता ने एक स्वर में कुली बेगार न देने का संकल्प किया।