थत्यूड़। आखिरकार सरकारी इंतजाम का इंतजार छोड़कर गांव वालों ने जैसे-तैसे खुद पुल तैयार कर लिया, जिस पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। यह वैकल्पिक व्यवस्था वाला पुल अगलाड नदी में ग्रामीणों द्वारा बल्लियों पर खड़ा लकड़ी का पुल भले ही मजबूत न हो, पर गांव वालों के साहस और एकजुटता का परिचायक है। इस पुल को दो दिन पहले ही बनाया गया है। हम बात कर रहे हैं धनोल्टी विधानसभा के अंतर्गत जौनपुर ब्लॉक की। भवान बाजार के निकटवर्ती गांव गवाणा, तोगी, दामणी व बांडाचक के लगभग दो हजार की जनसंख्या वाले गांव के लोगों ने गांव के लिए पुल नहीं होने का कारण ग्रामीणों ने स्वयं के संसाधन से लकड़ी का पुल बना डाला। आपको बता दें इस समय अगला नदी उफान पर होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी बीमार लोग, स्कूली बच्चों, गर्भवती महिलाओं को नदी पार करने में होती है। जिससे ग्रामीणों ने शासन प्रशासन को आईना दिखाते हुए स्वयं अपने संसाधनों से 1 दिन में ही लकड़ी का पुल बना डाला। तो वहीं ग्रामीण रविंद्र नेगी दलवीर रमोला ने कहा कि एक और सरकार आजादी का अमृत महोत्सव का भव्य आयोजन कर रही है तो वहीं दूसरी ओर जौनपुर ब्लॉक के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं में सड़क व पुल सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है।