राज्यसभा के लिए उत्तराखंड की एक सीट पर होने वाले चुनाव में उद्योगपति मोहन पाल का नाम चर्चाओं में
हल्द्वानी। उत्तराखंड में राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा की सीट भी खाली हो रही है जिसके लिए बीजेपी उत्तराखंड अबकी बार अनुसूचित जाति के कोटे से किसी कैंडिडेट को राज्य सभा भेजने की जुगत में है उत्तराखंड बीजेपी में 2 या 3 चेहरों को राज्यसभा टिकट के लिए दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। जिसमें सबसे पहला नाम मोहन पाल का है जो अनुसूचित जाति के धनगर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। मोहन पाल उत्तराखंड के बड़े कुशल उद्योगपति होने के साथ साथ बीजेपी में अनुसूचित जाति मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रहे हैं व 2012 में भीमताल विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुके हैं।
चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो रही है। बता दें कि 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होने हैं. इसके लिए 31 मई तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे, नामांकन पत्रों की जांच 1 जून को होगी, फिर 3 जून तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे. इसके बाद 10 जून को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी. वोटो की गिनती का काम 10 जून को ही शाम 5 बजे से शुरु हो जाएगा।
विदित रहे कि इस साल जून से अगस्त के बीच 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. जिन अहम नेताओं का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें केंद्र सरकार में मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, पीयूष गोयल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, कपिल सिब्बल, अंबिका सोनी और बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्र शामिल हैं. इन सभी राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 21 जून से 1 अगस्त के बीच खत्म हो रहा है। उत्तराखंड में राज्यसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के दावेदारों के रूप में त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम सर्वाधिक लिया जा रहा है, यदि सामान्य जाति के व्यक्ति को यह सीधी जाती है तो त्रिवेंद्र सिंह पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं परंतु पूर्व में कांग्रेस पार्टी ने यह सीट अनुसूचित जाति कोटे के खाते में डालते हुए इस सीट पर अनुसूचित जाति के प्रदीप टम्टा को टिकट दिया था। जानकारों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी भी इस सीट को अनुसूचित जाति की झोली में डालने की ही जुगत में लगी हुई है, जिसके लिए प्रदेश में सर्वाधिक प्रचलित नाम हल्द्वानी निवासी प्रसिद्ध उद्योगपति मोहन पाल का आ रहा है, इनके अलावा पूर्व विधायक सुरेश राठौर को भी दावेदार के रूप में देखा जा रहा है पर एक महिला द्वारा उनपर यौन शोषण का आरोप लगाया गया है, जिसका मामला न्यायालय में लंबित है। इस कारण इनका दावा कमजोर दिख रहा है। अब देखना यह होगा कि बीजेपी हाईकमान किस पर अपना दांव खेलेगा। फिलहाल उत्तराखंड भाजपा ने 5 नाम तयकर पार्टी नेतृत्व को भेज दिए हैं, जिस पर अंतिम मुहर केंद्रीय नेतृत्व को लगानी है।