उत्तराखंड

मंगलवार को राज्य में लागू होगी नई शिक्षा नीतिः डा. धन सिंह रावत

देहरादून। उत्तराखंड में आगामी 12 जुलाई को नई शिक्षा नीति लागू कर दी जायेगी। राज्य में सर्वप्रथम विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत प्राइमरी एजुकेशन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को शुरू किया जायेगा। जिसकी तैयारी विद्यालयी शिक्षा विभाग ने पूरी कर दी है। मंगलवार को शिक्षा महानिदेशालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बालवाटिकाओं का उद्घाटन कर सूबे में नई शिक्षा नीति का विधिवत शुभारम्भ करेंगे। इसके साथ ही उत्तराखंड एनईपी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जायेगा। राज्य के समस्त जनपदों में विकासखंड स्तर पर चिन्हित को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में वृहद रूप से बालवाटिकाओं का क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उद्घाटन करेंगे, जिसमें शिक्षाविद्, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। इसके साथ ही प्रथम चरण में शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पांच हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में बालवाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू हो जायेगा।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि आगामी 12 जुलाई (कल) को सूबे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू कर दिया जायेगा। राज्य में नई शिक्षा नीति का शुभारम्भ शिक्षा महानिदेशालय, देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बालवाटिकाओं का विधिवत उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही उत्तराखंड एनईपी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जायेगा। उन्होंने कहा कि विकासखंड स्तर पर क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय जनप्रनिधियों की मौजूदगी में चिन्हित को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में बालवाटिकाओं का शुभारम्भ किया जायेगा। जिसमें शिक्षाविद्, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहेंगी। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में बीस हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। जिसमें से प्रथम चरण में शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पांच हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में एनईपी के तहत बालवाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सूबे में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं, जिसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे है, जिनमें 14555 आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियां तैनात है। इसके अलावा आंगनबाडी केन्द्रों में 14249 सहायिकाएं एवं 4941 मिनी आंगनबाडी कार्यकत्र्रियां नियुक्त हैं। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में प्री-प्राइमरी स्तर पर बालवाटिकाओं में बच्चों को एनईपी के प्रावधानों के तहत पढ़ाया जायेगा। जिसके के लिये पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा आंगनवाडी कार्यकत्र्रियों एवं शिक्षकों के लिये हस्तपुस्तिका, बच्चों के लिये तीन अभ्यास पुस्तिका स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन तैयार की गई है।

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