उत्तराखंड

बाबा रामदेव ने नम आंखों से दी सहयोगी स्वामी मुक्तानंद को श्रद्धांजलि

हरिद्वार। योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के साथ पूरे पतंजलि परिवार ने स्वामी मुक्तानंद को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। बीती रात स्वामी मुक्तानंद का हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। रात को ही उनके पार्थिव शरीर को कनखल स्थित कृपालु बाग आश्रम लाया गया। उनके निधन पर पूरे पतंजलि परिवार में शोक की लहर है। स्वामी मुक्तानंद योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के शुरुआती समय से सहयोगी रहे थे।
स्वामी मुक्तानंद के निधन पर बाबा रामदेव ने कहा कि स्वामी मुक्तानंद महाराज का गुरुकुल के समय से करीब 35 सालों से हमारा एकात्म संबंध रहा है। हम लोग तीनों ही गुरुकुल से निकले थे। निष्काम कर्म योगी, आदर्श पुरुष और हमारी ऋषि परंपरा के प्रतिनिधि एवं पतंजलि योगपीठ के स्तंभ रहे। उनका कल रात हृदय गति रुकने से निधन हो गया गया। बाबा रामदेव ने कहा कि आज योग, आयुर्वेद और स्वदेशी का विश्वव्यापी अभियान चल रहा है। योग, आयुर्वेद, स्वदेश की क्रांति, भारतीय शिक्षा और भारतीय चिकित्सा व्यवस्था पुनः प्रतिष्ठा का यह जो आंदोलन चल रहा है, उसकी बहुत बड़ी ऊर्जा थे। स्वामी मुक्तानंद महाराज और पूरे पतंजलि योग पीठ परिवार में सबसे बड़े थे। उन्हें अग्रज, गुरु और पिता तुल्य मानकर उनका आशीर्वाद व मार्गदर्शन लेते थे। आज वे हमारे बीच में नहीं है। उनके जाने से पतंजलि योगपीठ और सनातन धर्म की अपूरणीय क्षति है। बता दें कि स्वामी मुक्तानंद उन चंद लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने पतंजलि को फर्श से अर्श तक का सफर न केवल तय करते हुए देखा था बल्कि, उसमें एक अहम भूमिका भी निभाई थी।

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