उत्तराखंड

बाबा महाकाल की नगरी में मिला पद्मश्री डॉ. बी.के.एस. संजय को जन सेवा सम्मान

देहरादून। बाबा महाकाल एवं राजा विक्रमादित्य की अनादि सिंहस्थ नगरी उज्जयिनी के समीप स्थित अंकितग्राम सेवा धाम आश्रम द्वारा प्रथम अंतर्राष्ट्रीय समाज सेवक सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें विश्व विख्यात ऑर्थोपीडिक सर्जन पद्म डॉ. भूपेन्द्र कुमार सिंह संजय को उनकी जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल की उपस्थिति में पगड़ी पहनाकर जन सेवा सम्मान प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि मैं राज्यपाल की हैसियत से नहीं परंतु सामान्य सेवक बनाकर गरीबों की सेवा करना चाहता हूँ। राज भवन आराम की नहीं बल्कि सेवा की जगह हो और मैं इस सेवा की जगह से आम जनता की सेवा कर सकूं। इसी उद्देश्य के साथ में मध्यप्रदेश के राज्यपाल बनाकर आया। श्री सुधीर भाई के संचालन में सेवा धाम जो कार्य कर रहा है ऐसी समाज सेवा सबको करनी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री डॉ. बी के. एस. संजय ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान की प्रस्तावना में दिया गया बंधुत्व का विचार न केवल व्यक्ति की प्रतिष्ठा का संरक्षण करता है बल्कि उसको बढ़ाता भी है। जब सभी देशवासियों में बंधुत्व का विचार पनपेगा तो यह विचार राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ा उत्प्रेरक का काम करेगा। जब तक किसी भी देश में बंधुत्व का विचार नहीं आएगा तब तक राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय एकता दूर की कौड़ी ही होगी। हमारे शास्त्रों में तो ”वसुधैव कुटुंबकम” और ”परस्परोपग्रहो जीवानाम्” का विचार हजारों साल पहले से दिया गया है। एक जुलु अफ्रीकन कहावत कहती है उबन्टून, गिबुन्टून, जाबन्टून अर्थात्् एक आदमी दूसरे आदमी से है। यह एक सार्वभौमिक सत्य है, यदि इसको हम केवल मानव जाति के बारे में समझे तो एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के ऊपर आश्रित है।

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