उत्तराखंड

बच्चों को गीता और धर्मशास्त्रों का अध्ययन कराए जाने की जरूरत

देहरादून। सरस्वती विहार विकास समिति अजबपुर खुर्द देहरादून द्वारा शिव शक्ति मंदिर सरस्वती विहार में आयोजित शिव महापुराण के सप्तम दिवस पर कथा प्रसंग में पार्वती की विदाई और गुरु पत्नी के द्वारा पार्वती को पतिव्रता धर्म का उपदेश दिया कि स्त्री के लिए पति ही परमेश्व हंै। पति ही गुरु है। कार्तिक स्वामी के जन्म की कथा और तारकासुर मर्दन की कथा का विस्तार से वर्णन किया। साथ ही साथ व्यास जी ने कहा कि हमें अपने बच्चों को गीता और अपने धर्म शास्त्रों का अध्ययन कराना चाहिए तब ही आज की युवा पीढी अपनी संस्कृति, सभ्यता को समझ पायेगी। अन्यथा पाश्चात्य संस्कृति के कारण आज की युवा पीढ़ी संस्कार रहित होकर नैतिक पतन के मार्ग पर चल रही है। अपने बच्चों पर ध्यान दे नशे की लत उनको न लगे।
इस अवसर पर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएस चैहान सचिव गजेंद्र भंडारी उपाध्यक्ष कैलाश राम तिवारी वरिष्ठ मंत्री अनूप सिंह फर्त्याल, मंदिर संयोजक मूर्ति राम बिजलवान, सह संयोजक दिनेश जुयाल, कोषाध्यक्ष विजय सिंह रावत, कनिष्ठ मंत्री सुबोध मैठानी, प्रचार सचिव सोहन सिंह रौतेला,मंगल सिंह कुट्टी जय प्रकाश सेमवाल, बगवालिया सिंह रावत, सी एम पुरोहित, वेद किशोर भट्ट, जयपाल सिंह बत्र्वाल, आशीष गुसाईं, दीपक काला, गब्बर सिंह कैंतूरा, आचार्य उदय प्रकाश नौटियाल, आचार्य सुशांत जोशी, आचार्य अखिलेश बधानी, सुरेंद्र पाल अरोड़ा, राजेंद्र सिंह नेगी, भरत सिंह बिष्ट, विनोद मंमगाई, आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन समिति के उपाध्यक्ष कैलाश राम तिवारी और मंदिर सह संयोजक दिनेश जुयाल द्वारा किया जा रहा है।

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