परिणाम आने से पहले गोटियां फिट करने को कांग्रेसी नेता लगा रहे दिल्ली दौड़
देहरादून। मतगणना की तारीख नजदीक आते देख अब सभी कांग्रेसी दिग्गज अपनी-अपनी गोटियां फिट करने में जुट गए हैं। पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने की आस लगाए बैठे इन कांग्रेसी नेताओं को पता है कि सीएम कौन होगा इसका फैसला हाईकमान को ही करना है। यही कारण है कि चुनाव परिणाम से पूर्व ही वह अपनी दावेदारी का आधार मजबूत करने के लिए दून से दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं।
चुनावी नतीजों को लेकर संभावनाओं पर विचार के साथ दूसरा जो अहम मुद्दा है वह सीएम पद का ही है। भले ही कांग्रेस हाईकमान द्वारा चुनाव पूर्व कोई भी सीएम चेहरा घोषित न किया गया हो लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समय-समय पर अपने द्वारा दिए गए बयानों के जरिए स्वयं को ही सीएम का चेहरा बताते रहे हैं। हरीश रावत को सरकार बनने की स्थिति में सीएम से कम कुछ भी स्वीकार नहीं है। हरीश रावत की लाख कोशिशों के बाद भी हाईकमान ने उन्हें सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया गया। लेकिन चुनाव प्रचार की कमान उनके हाथों में रहने के कारण वह खुद जरूर स्वयं को ही सीएम का चेहरा मानते रहे हैं। उन्होंने जब भी सीएम के मुद्दे पर कुछ कहा है तब तब प्रीतम सिंह ने खुलकर इसका विरोध किया है। वह हमेशा ही विधायकों द्वारा नेता विधायक दल चुने जाने और सोनिया गांधी द्वारा स्वीकृति को ही अंतिम फैसला बताते रहे हैं। भले ही प्रीतम ने कभी खुद को सीएम का चेहरा न बताया हो लेकिन इस दौड़ में वह भी शामिल हैं इसमें कोई संदेह नहीं है।