उत्तराखंड

पंचायत प्रमुखों के प्रत्यक्ष चुनाव की महाराज की बात का अन्य राज्यों के मंत्रियों ने किया स्वागत

देहरादून/नई दिल्ली। उत्तराखण्ड हेतु निर्धारित 975 अमृत सरोवरों के सापेक्ष 1102 अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया है। राज्य में स्थानीय एवं जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए तथा स्वस्थ ग्राम थीम की प्राप्ति हेतु स्थानीय मोटे अनाजों का प्रयोग कर नैनो पैकेजिंग इकाईयों के माध्यम से चारधाम प्रसाद तैयार किया जा रहा है। हमें पंचायतों को सशक्त करने के लिए पंचायत प्रमुख के प्रत्यक्ष चुनावों की संभावनाओं को भी धरातल पर उतारना होगा। प्रदेश के पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को नई दिल्ली के प्लेनरी हॉल, विज्ञान भवन में पंचायतों के प्रोत्साहन संबंधी राष्ट्रीय सम्मेलन-सह पुरस्कार समारोह को सम्बोधित करते केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह को जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के प्रत्यक्ष चुनाव कराने से संबंधित एक पत्र भी सौंपा। बिहार के पंचायती राज मंत्री मुरारी गौतम सहित अन्य राज्यों के मंत्रियों ने भी श्री महाराज की बात का स्वागत करते हुए पंचायत प्रमुखों के प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाने का समर्थन किया।
पंचायत मंत्री श्री महाराज ने पंचायतों के प्रोत्साहन संबंधी राष्ट्रीय सम्मेलन एवं पुरस्कार समारोह में केन्द्रीय मंत्री, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास गिरिराज सिंह, पंचायतीराज राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और विभिन्न राज्यों से आये हुए मंत्रियों, अधिकारियों एवं पंचायतों की मुख्य धुरी त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिन पंचायत प्रतिनिधियों ने इस वर्ष विभिन्न थीमैटिक क्षेत्रों (ज्ीमउंजपब ।तमंे) में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किये गये हैं निश्चित रूप से वह सभी पंचायतों को मजबूत करने एवं उनको सशक्त करने की दिशा में अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करेंगे। उन्होने कहा कि इस तरह के राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आयोजन से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबका प्रयास की स्पष्ट झलक दिखाई पड़ती है।
प्रदेश के पंचायत मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों की विशेष भूमिका है। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतें विकास की धुरी है। सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण एवं स्थानीय चुनौतियों का यथोचित समाधान तलाशने के लिए त्रिस्तरीय पंचायतों को सशक्त करना अत्यन्त आवश्यक है। हमारी सरकार पंचायतीराज संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए कटिबद्ध है। संविधान की 11 वीं अनुसूची में वर्णित 29 विषयों की निधियों, कार्मिकों एवं कार्यों को पंचायतों को वास्तविक अर्थों को हस्तांतरित करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उच्च स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है। राज्य में पंचायतों के सहयोग से 56200 महिला समूह सक्रिय रूप से कार्यरत है, जिसमें लगभग 422000 महिलाएं जुड़ी हुई हैं।

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