उत्तराखंड

देश की तीन बड़ी संस्थाओं ने किया पद्मश्री डॉ. संजय का सम्मान

देहरादून। सम्मान पाना सबको अच्छा लगता है लेकिन सम्मान किसी खास व्यक्ति या संस्था द्वारा दिया जाए तो सम्मान पाने वाले के जीवन में इसका महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि सम्मान उत्प्रेरक का काम करता है। ऐसी ही संस्थाऐं हैं विश्व प्रसिद्ध माउंट आबू स्थित प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विकलांगों के प्रति समर्पित उदयपुर, राजस्थान की नारायण सेवा संस्थान एवं इंदौर, मध्यप्रदेश स्थित लगभग 150 साल पुराने ट्रस्ट द्वारा संचालित श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय जिसने हाल ही में हमारे प्रदेश के प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. बी. के. एस. संजय को सम्मानित किया। माउंट आबू में आयोजित माइंड बॉडी मेडिसिन सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन राजयोगिनी डॉ. रतन मोहिनी जी द्वारा किया गया जिसमें कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि पद्मश्री डॉ. बी. के. एस. संजय के अतिरिक्त ब्रह्माकुमारी संस्था के पदाधिकारी डॉ. बनारसी लाल शाह, डॉ. अशोक मेहता, डॉ. प्रदीप मिड्डा, राजयोगी मृत्युंजय भाई इत्यादि सम्मिलित थे। उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारी संस्था की ओर से मेडिकल विंग के सचिव डॉ. बनारसी लाल शाह द्वारा डॉ. बी. के. एस. संजय को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
डॉ. संजय ने ब्रह्माकुमारी में अपने संबोधन में बताया कि विचार किसी भी कार्य का प्रथम स्रोत है। परिवर्तन एक सार्वभौमिक सत्य है और किसी भी व्यक्ति एवं समाज में बदलाव लाने के लिए विचारों का बदलना एक सहज सस्ता और सरल उपाय है। राजयोग के उपयोग से न केवल मानसिक और आध्यात्मिक बदलाव लाया जा सकता है बल्कि शारीरिक और भौतिक भी।
राजयोग द्वारा मनुष्य अधिक क्रियाशील, कार्यकुशल और जागरूक बन जाता है। राजयोग मनुष्य में जीवन के प्रति मूलभूत परिवर्तन ला देता है। वह संसारी होते हुए भी विदेही होता है इसी कारण वह न केवल पारिवारिक बल्कि समाज के लिए भी एक लाभदायक अंग बन जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *