उत्तराखंड

दुनिया के पहले नैनो यूरिया संयंत्र को पीएम ने राष्ट्र को किया समर्पित

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इफको द्वारा कलोल, गुजरात में दुनिया के पहले नैनो यूरिया तरल संयंत्र का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य किसानों को उत्पादकता बढ़ाने और उनकी आय बढ़ाने में मदद करना है। प्रधानमंत्री ने गांधीनगर गुजरात में आयोजित एक समारोह में अत्याधुनिक नैनो यूरिया तरल उर्वरक संयंत्र को राष्ट्र की सेवा को समर्पित किया। समारोह में अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जी और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया मौजूद थे।
इस अवसर पर बोलते हुए, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें दुनिया के पहले नैनो-उर्वरक संयंत्र का लोकार्पण करते हुए बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि यूरिया की एक बोरी की शक्ति अब किसानों को यूरिया की आधा लीटर बोतल में उपलब्ध होगी जिससे परिवहन लागत कम होगी और छोटे किसानों को और अधिक सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। दुनिया के पहले नैनो-उर्वरक संयंत्र के उद्घाटन के मौको पर बोलते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कलोल में इफको का अत्याधुनिक नैनो-यूरिया संयंत्र प्रति दिन 1.5 लाख बोतल यूरिया का उत्पादन कर सकता है और ऐसे आठ और संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। वास्तव में यह भारतीय कृषि जगत में क्रांति लाकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगा। इतना ही नहीं इससे यूरिया के आयात पर निर्भरता में कमी आएगी। केंद्रीय गृह सह सहकारिता मंत्री अमित शाह जी ने इस मौके पर इफको और उनके वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया उर्वरक भारतीय कृषि जगत में क्रांति लेकर आएगा। इफको ने नैनो उर्वरकों के उत्पादन के लिए आंवला, फूलपुर, कलोल (विस्तार), बेंगलुरु और पारादीप, कांडला, देवघर (बिहार) और गुवाहाटी इकाइयों में नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और नैनो माइक्रो पोषक तत्वों के उत्पादन के लिए विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त विनिर्माण सुविधाएं स्थापित की हैं। इन सभी इकाइयों में 3000 करोड़ के कुल निवेश के साथ प्रति दिन 2 लाख बोतलों की डिजाइन उत्पादन क्षमता होगी , जिसमें से 720 पहले से ही प्रतिबद्ध है और हजारों लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी। इफको के एमडी डॉ. यूएस अवस्थी ने प्लांट के वॉकथ्रू वीडियो की मदद से प्लांट के कामकाज और इसकी विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी दी, जिसे लॉन्च के माध्यम से लाइव दिखाया गया। इफको नैनो यूरिया के उपयोग को एक फिल्म में वहां मौजूद 7000 से अधिक किसानों और सह-संचालकों को दिखाया गया था, जिसकी प्रेरणा माननीय प्रधानमंत्री की मिट्टी में यूरिया के उपयोग को कम करने के दृष्टिकोण से ली गई थी।

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