उत्तराखंड

ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएः सीएम

देहरादून। उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए विभागों द्वारा जो भी अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जा रही हैं उनके क्रियान्वयन के लिये गम्भीरता से प्रयास किये जायें। इस संबंध में विभागों द्वारा जो लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, उनकी प्राप्ति के लिए भी सुनियोजित तरीके से कार्य किये जाएं। योजनाओं पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाने के साथ ही 2025 तक जिन योजनाओं को पूर्ण करने का विभागों द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उनको प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के प्रयास हों, साथ ही इसकी नियमित समीक्षा भी की जाए। सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा, तकनीकि शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास एवं खेल विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने ये निर्देश अधिकारियों को दिये। विद्यालयी शिक्षा की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन जनपदों में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थी ड्रॉप आउट हो रहे हैं, इनके कारणों का विस्तृत अध्ययन किया जाए। विद्यालयी शिक्षा में ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएं। सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गुणात्मक सुधार एवं विद्यार्थियों के पंजीकरण को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र पोषित योजनाओं के तहत होने वाले कार्यों में तेजी लाई जाए। जो भी प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे जाने हैं, उनमें किसी भी स्थिति में विलम्ब न हो। पीएमश्री के तहत राज्य के चयनित 142 स्कूलों के लिए सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए पूरी तैयारी किये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी स्कूलों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो।
तकनीकि शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं आईटीआई में समय की मांग के आधार पर कोर्स करवाए जाएं। इसके लिए औद्योगिक संस्थानों से निरंतर आपसी समन्वय बनाये जाने पर ध्यान दिया जाये। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों को उचित प्लेसमेंट मिल जाए। पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं आईटीआई के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान देते हुए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इनमें दक्ष मानव संसाधन के साथ आवश्यक उपकरण भी हों। जिन ट्रेडों में  कार्य के लिए डिमांड बढ़ी है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। पॉलीटेक्निक कॉलेजों और आईटीआई का अपग्रेडेशन भी चरणबद्ध तरीके से किये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

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