देहरादून। तकनीक और इनोवेशन हमारे रोज़मर्रा के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं, आज पूरी दुनिया डिजिटल स्पेस की ओर रूख कर रही हैं। 21वीं सदी में डिजिटलीकरण के बिना दुनिया की कल्पना करना मुश्किल है। लेकिन बढ़ते डिजिटलीकरण के साथ महिलाओं के साथ होने वाला ऑनलाईन शोषण भी बढ़ गया है। ट्रुकॉलर अपनी शुरूआत से ही कम्युनिकेशन को सुरक्षित बनाकर समुदायों की मदद के लिए प्रयासरत रहा है। ट्रुकॉलर की मदद से दुनिया भर में महिलाएं अनचाहे कॉल्स को पहचान कर इन्हें ब्लॉक कर सकती हैं। ट्रुकॉलर महिलाओं के साथ होने वाले शोषण के सख्त खिलाफ़ है और हर व्यक्ति के लिए कम्युनिकेशन को सुरक्षित एवं प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह अपने कैंपेन रुइट्स नॉट ओके के माध्यम से महिलाओं के साथ होने वाले ऑनलाईन शोषण के खिलाफ़ जागरुकता बढ़ा रहा है, पांच साल पहले पांच देशों में किए गए अध्ययन के बाद इस अभियान की शुरूआत की गई थी। साइबरसुरक्षा और साइबर हाइजीन के महत्व को ध्यान में रखते हुए ट्रुकॉलर ने अपने कैंपेन को आगे बढ़ाते हुए इट्स नॉट ओके-कॉल इट आउट की शुरूआत की है, जिसके द्वारा यह महिलाओं को फोन/एसएमएस पर होने वाले शोषण के खिलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। कैंपेन के बारे में बात करते हुए रिषित झुनझुनवाला, चीफ़ प्रोडक्ट ऑफिसर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, ट्रुकॉलर इंडिया ने कहा, ‘‘जब मैं हर साल अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में सोचता हूं, मुझे महसूस होता है कि कुछ महान महिलाएं अपने उत्कृष्ट कार्यों के साथ आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित कर रही है। उनकी यही प्रेरणा हमें महिलाओं के प्रति ज़्यादा ज़िम्मेदार बनाती है और हम इस कोशिश को जारी रखते हैं कि महिलाएं हमेशा अपने आप को निडर महसूस करें और बहादुरी के साथ आगे बढ़ती रहें।