उत्तराखंड

झंडे जी के आरोहण के साथ दून का ऐतिहासिक झंडा मेला शुरु एक माह

देहरादून। झंडे जी के आरोहण के साथ ही देहरादून का प्रसिद्ध झंडा मेला शुरु हो गया है। झंडा मेला करीब 21 दिन चलेगा। दरबार साहिब के श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज की अगुआई में झंडे जी का आरोहण हुआ। जैसे ही झंडे जी का आरोहण हुआ गुरु महिमा की जयकारों से शहर गूंज उठा। श्रद्धा व भक्ति भाव संगतें डूब गई। ऐतिहासिक झंडा मेला प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है।
दूध, दही, घी, मक्खन, गंगाजल और पंचगव्यों से नए श्री झंडे जी को स्नान कराया गया। विधिवत वैदिक विधान से पूजा अर्चना के बाद अरदास हुई। दस बजे से श्री झंडे जी (पवित्र ध्वजदंड) पर गिलाफ चढ़ाने का कार्य शुरू किया जाएगा। फिर श्री झंडे जी का विधिवत आरोहण किया गया। इसका एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रसारण किया गया। ऐतिहासिक मेले के लिए 90 फीट ऊंचा ध्वजदंड कंधों पर उठाकर संगत पहुंची थी।
कोरोना से स्थिति सामान्य होने के करीब दो साल बाद इस साल भव्य स्वरूप में मेले का आयोजन किया गया। मेले में भाग लेने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में संगत और श्रद्धालु देहरादून पहुंचे हैं। सुबह सात बजे से पुराने श्री झंडे जी को उतारने का कार्यक्रम शुरू हुआ। 24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी। महंत देवेन्द्र दास महाराज ने मेले में शामिल होने वाली संगत और श्रद्धालुओं से कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करने की अपील की है। मेले के भव्य आयोजन के लिए श्री दरबार साहिब, झंडा जी मेला आयोजन समिति की ओर से सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं। झंडे जी मेले का इतिहास देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा है। सन 1676 में श्री गुरु राम राय महाराज देहरादून आए थे। श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने अपने संदेश में कहा कि मेले हमारे देश की विरासत व धरोहर हैं। मेलों में देश विदेश के लोग एकसाथ एकजुट होकर अपनी कला, संस्कृति व संस्कारों का आदान प्रदान करते हैं। मेले हमें जोड़ने का कार्य करते हैं, आपसी सद्भाव व भाईचारे को बढ़ाने का काम करते हैं। श्री दरबार साहिब देहरादून के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में 24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी। नगर परिक्रमा सुबह साढ़े सात बजे से शुरू होगी।

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