उत्तराखंड

ग्रामीण टौंस नदी पर प्रस्तावित छह सौ मेगावाट की किशाऊ बांध परियोजना के विरोध में उतरे

विकासनगर। टौंस नदी पर प्रस्तावित छह सौ मेगावाट की किशाऊ बांध परियोजना को लेकर प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण मुखर विरोध में उतर आये हैं। ग्रामीणों ने बांध परियोजना को किसी भी कीमत न बनने देने का ऐलान किया है। ग्रामीणों ने कहा कि अपनी पैतृक संपत्ति को किसी भी कीमत पर बांध परियोजना में नहीं समाने देंगे।
किशाऊ बांध परियोजना के खिलाफ रविवार को ग्रामीणों ने मेलोथ क्वानू किशाऊ बांध परियोजना संघर्ष समिति के अध्यक्ष मातवर सिंह तोमर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में हिमाचल और उत्तराखंड के प्रभावित होने वाले करीब दो सौ से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। बैठक में सभी प्राभावित ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि विस्थापन का दर्द मौत से भी बढ़कर सबसे बड़ा दर्द है। जिसे सहने के लिए वे तैयार नहीं हैं। कहा कि प्रदेश सरकार लोहारी के सत्तर परिवारों का तो पुनर्वास कर नहीं पायी। जबकि किशाऊ बांध से विस्थापित होने वाले सैकड़ों परिवारों को कैसे पुनर्वासित कर सकती है। ग्रामीणों ने कहा कि क्वानू, शंभर, मोहराड़, सियासु की उपजाऊ भूमि को जलमग्न नहीं होने दिया जाएगा। कहा कि अपनी जन्मभूमि से विस्थापन उन्हें किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं है। बैठक में प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया गया कि अभी जिलाधिकारी देहरादून, मुख्यमंत्री उत्तराखंड, जिलाधिकारी सिरमौर, मुख्यमंत्री हिमाचल को ज्ञापन सौप कर मांग की जाएगी कि बांध परियोजना के प्रस्ताव को निरस्त किया जाय। उसके बाद प्रधानमंत्री भारत सरकार को ज्ञापन प्रेषित करेंगे। कहा कि किसी भी सूरत में बांध को नहीं बनने दिया जायेगा।

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