उत्तराखंड

कांवड़ यात्री स्वच्छता और सोशल डिस्टेंसिंग धर्म का पालन करेंः डॉ. दिव्या नेगी घई

देहरादून। युवा सामाजिक कार्यकर्ता एवं यूथ रॉक्स फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. दिव्या नेगी घई ने कहा कि शिव भक्तों का पवित्र महीना सावन का आगाज हो चुका है, हमारे पूरे भारत वर्ष एवं अन्य देशों में रहने वाले शिव भक्त इस पवित्र सावन महीने में जलाभिषेक करने हरिद्वार, नीलकंठ एवं उत्तराखंड के अन्य शिव मंदिरों में आते हैं। वही उत्तराखंड में कावड़ियों के आगमन से हर तरफ शिवभक्त केसरिया एवं गेरुआ रंग में दिखाई देते हैं वही शिव के भक्ति संगीत एवं ढोल मृदंग की आवाज एवं शिव के नारों से उत्तराखंड की धरती सराबोर हो जाती है। कांवरियों की यह यात्रा उत्तराखंड की धरती पर सदियों से चली आ रही है जो मां गंगा के जल से भगवान शिव का जलाभिषेक कर पुण्य की प्राप्ति एवं समाज में सद्भावना का प्रतीक माना जाता है।
पूरे भारतवर्ष में शिव भक्त हर साल इंतजार करते हैं इस सावन के पावन कावर यात्रा में शामिल होने के लिए। इस कावड़ यात्रा में कई शिव भक्त भूखे पेट पदयात्रा करते हैं वहीं कई शिवभक्त नंगे पांव मीलों चलते हुए हरिद्वार पहुंचते हैं। शिवभक्त पूरे रास्ते में बोल बम, ओम नमः शिवाय, जय शिव शंभू जैसे नारों का उच्चारण करते हुए आगे बढ़ते रहते हैं। वही पूरे रास्ते शिवभक्त जरूरतमंद लोगों को दान-दक्षिणा देते हुए निरंतर अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ते रहते हैं। कोई शिव भक्त रास्ते में अगर थक के चूर हो गया हो तो उनके पीछे चलने वाले कावड़ यात्री उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कंधे से कंधा मिलाकर उन्हें सहयोग कर उनकी यात्रा पूर्ण करते हैं। यह सब दृश्य पूरे भारतवर्ष के लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

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