उत्तराखंड

एसजीआरआर विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में 5386 विद्यार्थियों को मिली डिग्रियां

देहरादून। श्री गुरुराम राय विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन मंगलवार 11 अप्रैल को किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही विनोद चमोली, विधायक धर्मपुर व प्रो. डी.पी. सिंह, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व चेयरमैन एवं वर्तमान शिक्षा सलाहकार, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। मंगलवार को दीक्षांत समारोह का शुभारंभ दीक्षांत पंडाल में अकादमिक शोभा यात्रा के आगमन से हुआ। शोभा यात्रा का नेतृत्व श्री गुरु राम रायविश्वविद्याल के कुलसचिव डॉ अजय कुमार खंडूड़ी ने किया। शोभायात्रा में कुलपति, बोर्ड ऑफ गर्वनेंस, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट एवं एकेडमिक काउंसिल के सदस्य शामिल रहे। मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यू.एस. रावत ने समारोह के मुख्य अतिथियों एवं मुख्यवक्ताओं को पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति ने स्वागत संबोधन देते हुए विद्यार्थियों की सफलता की कामना की तथा विगत वर्षों में महाविद्यालय की शैक्षणिक प्रगति की आख्या प्रस्तुत की। विश्वविद्यालय के कुलपति ने विद्यार्थियों को दीक्षोपदेश देते हुए उन्हें सदैव सत्य एवं धर्म का आचरण, माता पिता एवं गुरु के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करने एवं धर्म ग्रंथों के उपदेशों का पालन करने की शपथ दिलायी। कुलपति ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थी अब शैक्षणिक वातावरण से निकलकर उन्मुक्त एवं प्रतिस्पर्धा के वातावरण में प्रवेश कर रहे हैं जहां उन्हें शिक्षा एवं कौशल के द्वारा अपनी पहचान बनानी है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना 2017 में श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन के अंतर्गत की गई। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेंद्र दास जी की दूरदर्शिता एवं कुशल नेतृत्व में आज मिशन उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा तथा शिक्षा के क्षेत्र में मानव सेवा के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय सहभागिता एवं सहयोग विस्तार पर ध्यान देते हुए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके अनुसंधान एवं नवाचार के लिए बहुसंस्थागत केंद्र विकसित करने हेतु प्रयासरत है। इसके परिणाम स्वरूप विश्वविद्यालय को 38 एमऒयू और मल्टीपल रिसर्च लिंकेज के साथ राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही हैं।

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