उत्तराखंड

उत्तराखंड में विकास के नाम पर विनाश पुस्तक का विमोचन

देहरादून। शहीद स्मारक देहरादून में राकेश अग्रवाल की किताब के विमोचन में राज्य के विभिन्न बुद्धिजीवी, विपक्षी दलों एवं जन संगठनों ने सरकार की जन विरोधी एवं विकास के नाम पर विनाश करने के रवैयों पर सवाल उठाया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के जोशीमठ को ले कर बयान की घोर निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि दशकों से पहाड़ के लोग जोशीमठ और अन्य परियोजना प्रभावित क्षेत्रों में सुरंगों और अनियंत्रित हाईवे निर्माण का विरोध कर रहे हैं। लेकिन उनकी जायज बातों को अनसुनी किया गया था, जिसका नतीजा हम सबके सामने है। अभी हाल में देहरादून शहर में भी एलिवेटेड रोड के नाम पर ऐसे परियोजना शुरू किया जा रहा है जिससे शहरवासियों के लिए खतरा हो सकता है, प्रदूषण बढ़ सकता है और हजारों परिवारों को बेघर होना पड़ेगा, लेकिन सरकार ऐसे परियोजनाओं को ही विकास मानते हैं। अभी जब जोशीमठ में इस प्रकार का विनाशकारी विकास की वजह से सैकड़ों परिवारों की जान और भविष्य खतरे में आ गए हैं, सत्तादारी दल के नेता उन्ही लोगों को देशद्रोही और माओवादी कहलाने लग गए हैं।
वक्ताओं ने इन बातों को अग्रवाल की किताब के विमोचन के अवसर में कहा था। किताब में उत्तराखंड के 17 आंदोलनकारियों की जिन्दगी और संघर्षों पर विस्तार में जानकारी दी गयी है।  ये ऐसे आंदोलनकारी हैं जिन्होंने असली विकास, सामाजिक न्याय और लोगों के बुनियादी हकों के लिए संघर्ष किये हैं, और जिनपर कम ही चर्चा होती है। किताब में त्रेपन सिंह चैहान, मल्लिका विर्दी, अभिजय नेगी, इशिता खन्ना, सुनील खेंतोला, इत्यादि पर चैप्टर्स हैं। वक्ताओं ने कहा कि अगर इन आंदोलनकारियों की बातों और सिद्धांतों को सरकार पहले ही मान लेती तो ऐसी नौबत नहीं आती, जिसको आज जोशीमठ के लोगों और पहाड़ भर के लोगों का सामना करना पढ़ रहा है।

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